वैश्विक जलवायु परिवर्तन
इस बात पर प्रबल सहमति है कि विश्व जलवायु परिवर्तन का सामना कर रहा है, जिसकी गति तीव्र होती जा रही है और इस परिवर्तन के लिए अधिकांशतः मानवीय गतिविधियां जिम्मेदार हैं, जिनमें जीवाश्म ईंधन का दहन, वनों की कटाई और कृषि पद्धतियां शामिल हैं।
हालांकि अध्ययनों से पता चलता है कि कोरल थर्मली रूप से अनुकूलन या अनुकूलन करने में सक्षम हो सकते हैं, लेकिन तापमान में वृद्धि की गति और जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली थर्मल घटनाओं की अनियमित प्रकृति दोनों के कारण यह चुनौती है। 2020 आईपीसीसी रिपोर्ट के अनुसार, अनुमान 2.5 तक वायुमंडलीय तापमान में लगभग 2100 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्शाते हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कोरल रीफ द्वारा अनुभव की जाने वाली वर्तमान तापमान वृद्धि (> 1 डिग्री सेल्सियस) उनके अस्तित्व के लिए एक गंभीर खतरा है। इन अनुमानों के निहितार्थ वैश्विक स्तर पर कोरल रीफ के भविष्य के बारे में महत्वपूर्ण चिंताएँ पैदा करते हैं।
इन खतरों के प्रबंधन के लिए जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक स्तर पर ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है, तथापि स्थानीय प्रबंधन खतरों की गंभीरता को कम करने और रीफ पुनरुद्धार की क्षमता में सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।